Thursday, February 27, 2014

जयपुर. प्रदेश के विभिन्न अंचलों सेत्न राज्य में बुधवार शाम मौसम अचानक पलटा। पहले तेज हवा फिर मूसलाधार बारिश और बाद में जमकर ओलावृष्टि। बेर से लेकर रसगुल्ले जितने बड़े ओले गिरे। कुछ घंटों के लिए प्रदेश के कई शहर-गांव शिमला जैसे दिखने लगे। पहाड़-मैदानों पर सफेद चादर बिछ गई। कई घंटे तक ओले जमे रहे। जयपुर में आधे घंटे तक सफेद चादर बिछी रही। 60-65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली। चार मिमी बारिश दर्ज की गई।
मौसम ने अचानक इसलिए बदली करवट
पश्चिमी विक्षोभ के कारण जयपुर और आसपास के क्षेत्रों में कम दबाव का क्षेत्र बना। नमी और हवा के मिलने से चक्रवाती परिसंचरण बना। आधा किमी ऊंचाई पर नमी के बादल (क्यूम्बलस) बने। चक्रवात इतना तगड़ा रहा कि वह बादलों को 10 किमी की ऊंचाई तक ले गया। वहां क्यूमबलो लिंबस (गोभी के आकार का) बादल बना। ठंड से नमी की बूंदें जम गईं। आसमान में आधा किलो आकार तक के ओले बन गए। भारी होने से ये एक साथ तूफानी हवा के साथ नीचे आए। क्यूमबलो लिंबस बादल एक से डेढ़ घंटे तक ओले और बारिश से कहर बरपाते हैं।
जयपुर
शहर में रसगुल्ले के आकार के ओले गिरे। कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। पक्षी मर गए। बिजली के तार टूटे।
बारां
ओलों ने खेतों में खड़ी और काट कर रखी गई फसल बर्बाद कर दी।
सीकर
सीकर के पाटन कस्बे में सड़कों पर ओलों की चादर बिछी नजर आई। तापमान लुढ़क गया।
यहां गिरे ओले
जयपुर, उदयपुर, राजसमंद, प्रतापगढ़, चित्तौडग़ढ़, सीकर, झुंझुनूं और अलवर।
यहां बिजली
बारिश और ओलों के बीच बारां में बिजली गिरी।  एक महिला की मौत हो गई।
...और असर
जयपुर के आसपास के 130 और पूरे प्रदेश में 1000 से ज्यादा गांवों में खड़ी फसल बर्बाद होने की आशंका।

फोटो- करौली जिले के सपोटरा कस्बे के पास लूलोज गांव के पहाड़-मैदान ओलों से ढंक गए। नजारा ऐसा था मानो शिमला की वादियां।

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